सऊदी अरब में मिला प्राचीन मंदिर, 8000 साल पुरानी सभ्यता की हुई खोज!
सऊदी अरब में खुदाई के दौरान एक स्टोन टेंपल और वेदी मिले हैं. इसके अलावा यहां पर 8 हजार साल पुरानी मानव बस्तियों के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं इसके साथ यहां पर अलग-अलग काल के 2,807 कब्र भी मिले हैं. यहां के पत्थरों पर आर्टवर्क और शिलालेख के जरिए एक व्यक्ति की कहानी बयां की गई है. और यहां पर धार्मिक शिलालेख भी मिले हैं।
सऊदी अरब में एक रेगिस्तान में खुदाई के दौरान मंदिर और वेदी मिले हैं. यहां पर खुदाई के दौरान 8000 साल पुरानी मानव सभ्यता की निशानिया भी प्राप्त हुई है. यह बस्तियां कभी किंडा राज्य की राजधानी रही अल-फाओ में से है.
अल-फाओ Al-Faw, Al-Rub’ Al-Khali द एंपटी क्वाटर नाम के एक रेगिस्तान के किनारे पर बसी हुई थी यह Wadi Al-Dawasir से 100 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
एक रिपोर्ट के अनुसार अल-फाओ में सऊदी अरब हेरिटेज कमीशन की तरफ से एक तरह का मल्टी नेशनल टीम सर्वे करने पहुंची थी. उन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद इस सर्वे को किया
इसमें जो चीजें निकल कर सामने आई यह देखकर वहां मौजूद सभी लोग दंग रह गए।
इस खोज में मिली चीजों में सबसे खास खास एक स्टोन टेंपल और वेदी के कुछ हिस्से मिले. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अल-फाओ के लोग यहां अनुष्ठान करते थे. अल-फाओ के पूर्वी हिस्से से प्राप्त पत्थरीला मंदिर, माउंट तुवैक के एक किनारे पर स्थित है, जिसे खशेम कारियाह कहा जाता है.
इसके अलावा यहां और भी बहुत सी चीजें मिली जैसे यहां पर 8 हजार साल पुराने नवपाषाणकाल की मानव बस्तियों के अवशेष प्राप्त हुए है. और इसके बावजूद यहां पर अलग-अलग काल के 2,807 कब्र भी मिले है।
यहां अल-फाओ के जमीन के भीतर और भी धार्मिक शिलालेख मिले हैं. यहां मौजूद लोगों को धार्मिक समाज की बहुत सी जानकारियां प्राप्त हुई है. इस सर्वे में अल-फाओ की भौगोलिक संरचना के विषय में बहुत सी बातें सामने खुलकर आई हैं।
इस सर्वे से अल-फाओ की जटिल सिंचाई व्यवस्था के बारे में भी पता चला है. यहां के लोगों ने नहरे, कुंड के अलावा और भी बहुत से गड्ढे बना रखे थे. ताकि वे लोग बारिश के पानी को इकट्ठा कर सकें और अपने खेतों तक पहुंचा सकें. इस सर्वे में यह पता चला है कि रेगिस्तान के लोग बारिश के पानी को कैसे बचाते थे।
यहां पर मौजूद माउंट तुवैक के पत्थरों पर आर्टवर्क और शिलालेख मिले हैं. जिस पर Madhekar Bin Muneim नाम के एक शख्स की कहानी बताई गई है. इसके बावजूद पत्थरों पर मौजूद कलाकृतियो के जरिए वहां के हंटिंग, ट्रैवल और बैटल के बारे में जानकारियां प्राप्त हुई है।
हेरिटेज कमीशन सर्वे इसलिए कर रहा है ताकि वह लोगों को देश में मौजूद विरासत को बता सके. और उसे सहेज कर रख सके.अल-फाओ में यह रिसर्च चलता रहेगा ताकि और नई-नई चीजों के बारे में पता लगाया जा सके.