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केमिकल से पके फलों की पहचान कैसे करें? जाने टिप्स और सावधानियां

ज़ब्त किए जा रहे केमिकल से पके आम, इनकी पहचान करने के लिए आज़माएं ये 4 तरीके

दोस्तों गर्मियों का सीजन आ गया है। ऐसे में ज्यादातर लोगों का सबसे पसंदीदा फल होता है आम अगर आपका भी फेवरेट फल आम है और आप मार्केट से खरीद कर आम खाते हैं तो सतर्क हो जाइए क्योंकि मार्केट में बिकने वाला आम आपको नुकसान पहुंचा सकता है। क्योंकि मार्केट में बिकने वाला आम ज्यादातर  केमिकल डालकर पकाए जाते हैं। ऐसे में आपका यह जानना जरूरी है कि आम नेचुरल तरीके से पकाया गया है या कार्बाइड से इसकी जांच करने के लिए हमने कुछ नुस्खे बताए हैं जिसे आप आजमा कर या पता लगा सकते हैं कि आम कैसे पकाया गया है

इसी महीने में यह खबर आई थी कि फूड सेफ्टी अधिकारियों ने करीब 12 टन आम और 2 टन मौसमी जब्त किया है। अधिकारियों के अनुसार इन फलों को केमिकल के द्वारा पकाया गया था।
ऐसी खबरों से आपको सतर्क हो जाना चाहिए और समझना चाहिए कि केमिकल के द्वारा पकाए गए फलों का सेवन करना आपके लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है अगर आप फल अपनी सेहत बनाने के लिए खाते है। तो यह आपके लिए उल्टा पड़ सकता है

साल 2019 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 13,000 लोगों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में से लगभग 78 % लोग आर्टिफिशिअल तरीके से पके आमों की पहचान करना नहीं जानते थे।
अगर आप आम या और फलों का सेवन करना चाहते हैं तो आपका आर्टिफिशियल और प्राकृतिक तरीके से पकाए गए फलों में अंतर की पहचान करना सीखना होगा।

एक्सपर्ट के मुताबिक इन फलों को पकाने के लिए मुख्य रूप से कार्बन कार्बाइड नाम के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। आर्टिफिशिअल तरीके से आम पकाने की प्रक्रिया के बारे में बात करते हुए इक्विनॉक्स लैब्स के सीईओ अश्विन भद्री ने एक बातचीत के दौरान बताया, “कैल्शियम कार्बाइड के पाउच, आम के साथ रखे जाते हैं। जब यह केमिकल नमी के संपर्क में आता है, तो एसिटिलीन गैस उत्पन्न होती है, जिसका प्रभाव एथिलीन के जैसा होता है।”

केमिकल से पके फलों को खाने से नुकसान 

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ( The Food Safety and Standards Authority of India, FSSAI) ने अपने खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम ( Prevention of Food Adulteration Act, PFA) के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा और मानक विनियमों (Food Safety and Standards Regulations ) के तहत, कैल्शियम कार्बाइड (CaC2), के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था। कार्बन कार्बाइड को अक्सर ‘मसाला’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल वेल्डिंग के दुकानों में होता है।
FSSAI के मुताबिक, कैल्शियम कार्बाइड में कार्सिनोजेनिक गुण होते हैं यह सस्ता है और स्थानीय बाजारों में आसानी से उपलब्ध है, जिससे इसका अंधाधुंध उपयोग होता है।
इस केमिकल में आर्सेनिक और फॉस्फोरस हाइड्राइड भी पाया जाता है, जिससे उल्टी, दस्त, कमजोरी, त्वचा पर अल्सर, आंखों की स्थाई क्षति और सांस की तकलीफ हो सकती है।
यह तंत्रिका तंत्र ( न्यूरोलॉजिकल सिस्टम ) को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे सिरदर्द, चक्कर आना, नींद आना, मानसिक भ्रम, स्मरण क्षमता की हानि जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

कैल्शियम कार्बाइड के अलावा और भी कई सारे केमिकल हैं जिनका इस्तेमाल फलों को पकाने में किया जाता है जैसे एथिलीन पाउडर

कैसे करें केमिकल से पकाए गए आमों की पहचान?

वैसे तो कई सारे तरीके हैं जिनसे यह पता लगाया जा सकता है कि फल केमिकल से पकाए गए हैं या नेचुरल तरीके से परंतु सबसे आसान तरीका बाल्टी यानी बकेट टेस्ट

आप एक बाल्टी पानी ले और उसने आमों को डाल दें जो आम ऊपर तैरने लगे वह केमिकल से पके हैं और जो आम डूब जाए वह प्राकृतिक रूप से पके हुए हैं

पहचानने के लिए इसे चखें

अगर आप केमिकल से पके हुए आम को खाएंगे तो आपको महसूस होगा कि आपके मुंह में जलन हो रही है। ऐसे में समझ जाइए कि वह आम केमिकल से पका हुआ है कुछ मामलों में तो लोगों को पेट दर्द, दस्त और गले में जलन भी हो सकती है।

रसदार या नहीं

प्राकृतिक तरीके से पके हुए आम ज्यादा रसदार होते है।

रंग की जाँच करें

केमिकल के इस्तेमाल से पके आमों (Chemically Ripened Fruits) में, सतह पर पीले और हरे रंग का मिश्रण हो सकता है। यहां हरा और पीला पैच अलग-अलग दिखता है। लेकिन प्राकृतिक रूप से पके आमों में यह हरे और पीले रंग का एक समान मिश्रण होगा।

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